वेलेंटाइन डे पर हुआ भारत-श्रीलंका का वनडे मैच बड़ा ही रोमांटिक था... म..म..माफ कीजिएगा रोमांचक था। वो क्या है, कभी-कभी मेरी जुबान जरा फिसल जाती है। पर कुछ भी कहें ये मैच वाकई था बहुत रोमांटिक... इतना रोमांटिक कि प्रेमकथाओं के प्रख्यात निर्देशक यश चोपड़ा भी इसे देख जल-भुनकर खाक हो गए। प्यार नाम है त्याग का, औरों को खुश रखने का। प्यार में कोई ऊंच-नीच नहीं होती, सब बराबर होते हैं। और इस मैच में भी यह सब देखना मिला। बड़ा ही रोमांटिक मैच था। रोमांटिक तो होना ही था, अब जब खिलाड़ियों को प्रेम दिवस के दिन भी मैच खिलाया गया तो बेबस खिलाड़ी करते ही क्या। वे तो प्यार का खुमार लिए मैदान पर ही उतर गए, इस वादे के साथ कि मैदान पर ही सारा प्यार उढेल देंगे। क्या खिलाड़ी, क्या अंपायर सब मानो मैदान पर ही अपना प्यार दिखाने उतारु थे। लेकिन इन सब रोमांटिक खिलाड़ियों के बीच सबसे रोमांटिक निकले अपने कैप्टन कूल धोनी।
श्रीलंका के तीन विकेट जल्दी आउट हो गए। धोनी को डर लगने लगा कि कहीं श्रीलंकाई पारी जल्दी न निपट जाए। इधर अंपायरों ने भी जल्दी मैच खत्म होने की उम्मीद में अपनी धर्मपत्नियों को फोन घुमाया और डेट पर जाने के लिए तैयार रहने कहा। धोनी को अंपायरों का यह स्वार्थीपन पसंद नहीं आया। इसलिए उन्होंने विकेटों का मोह त्यागा और अपने गेंदबाजों को प्यार का पाठ पढ़ाया और प्रेम से गेंदबाजी करने कहा। गेदंबाजों ने इतने प्यार से गेंदबाजी की कि श्रीलंका ने जैसे-तैसे ९ विकेट पर २३६ रन बना ही लिए। उन्होंने वेलेंटाइन गिफ्ट के तौर पर ८ रन अतिरिक्त भी दिए। गेंदबाज चाहते तो आखिरी विकेट भी उखाड़ सकते थे लेकिन जैसे मैने पहले कहा था कि त्याग ही तो प्रेम का दूसरा स्वरूप है।
इसके बाद भारत की बल्लेबाजी आई। सचिन, कोहली व रोहित एक के बाद एक १५ रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें डर था कि कहीं मैच के चक्कर में १४ फरवरी १५ फरवरी में न तब्दील हो जाए। दूसरी तरफ श्रीलंकाई गेंदबाजों ने गंभीर के प्रति भरपूर प्यार दिखाया और उन्हें बतौर गिफ्ट रन बांटते चले गए। रैना को तो मैदान पर रहने का मन ही नहीं था और वे ८ रन बनाकर चलते बने। मैच को लंबा खिंचते देख और क्रोधी धर्मपत्नी का फोन आता देख अंपायर ने ओवर में एक गेंद कम गिनकर मैच जल्दी निपटाने की जुगत भिड़ाई। पर रोमांटिक धोनी ने एक के बाद एक गेंद सड़ाना शुरु किया और इस प्रेममय मैच को लंबी खिंचते गए। वे चाहते तो मैच ४० ओवर में ही निपटा देते पर प्यार का मज़ा तो आहिस्ता-आहिस्ता ही आता है।
इस बीच गंभीर के मन में श्रीलंकाई गेंदबाजों के प्यार को देखकर लालच आ गया और वे शतक लगाने के सपने बुनने लगे। लेकिन लवगुरु धोनी को मालूम है कि प्यार में लालच का कोई स्थान नहीं होता और उन्होंने गंभीर को रन आउट करा वापस पैवेलियन भेज दिया। भारत के क्रिकेटप्रेमी तो धोनी-धोनी चिल्ला ही रहे थे पर इसके बाद तो श्रीलंकाई क्रिकेटप्रेमी भी धोनी नाम का जप करने लगे। इधर धोनी धीमे-धीमे अपनी पारी को आगे बढ़ा रहे थे और डेट पर जाने की उम्मीद में खड़े अंपायरों को खून के आंसू रुला रहे थे। उधर जडेजा आज कुछ जड़ने के मूड में नहीं थे। अश्विन को भी विन-लॉस में कोई रुचि नहीं थी। तभी धोनी ने ध्यान दिया कि हमारे तो बस ७ विकेट गिरे ही है वहीं श्रीलंका के तो ९ विकेट गिरे थे। प्यार में ऊंच-नीच मंजूर नहीं। लवगुरु धोनी ने ठान लिया कि दो और विकेट गिराने ही होंगे।
वहीं श्रीलंकाई कप्तान भी कम रोमांटिक नहीं थे। उनको भी अहसास हुआ कि धोनी ने कुछ ज्यादा ही त्याग कर दिया है। अब त्याग करने की बारी उनकी है। २ ओवर में धोनी भला २४ रन कैसे बनाएंगे। इसलिए उन्होंने अपने उपकप्तान को गेंद सौंपी और वेलेंटाइन गिफ्ट के तौर पर फुलटॉस गेंदें फेंकने कहा। पठान ने छक्का जड़ा इसके बाद धोनी ने उन्हें रनआउट करा ८वां विकेट गिरा दिया। अंतिम ओवर में ९ रन चाहिए थे। जयवर्द्धने धोनी के पास और बोले- ये मैच तुम जीतो, धोनी ने कहा- नहीं, तुम जीतो। इधर धोनी को दोनी टीमों के क्रिकेटप्रेमियों की आंखों में जीत की उम्मीद दिख रही थी। पर आज किसी एक की उम्मीद तो टूटनी ही थी, वह भी बहुत बुरे तरह से। बड़ा ही इमोशनल सीन था। भावनाओं के समुंदर उमड़ रहे थे। आंखों में आंसू थे और मन में कई सवाल।
सबको खुश कैसे रखा जा सकता है। पर वॉट नो वन कान्ट, धोनी कैन। लवगुरु धोनी ने २ रन लिए, फिर एक रन लिए, फिर विनय कुमार ने रन लिया, फिर धोनी ने एक रन। इसके बाद २ गेंदों पर ४ रन बनाने थे। धोनी ने विनय कुमार को आउट करा ९वें विकेट का आंकड़ा पूरा किया। अब आखिरी गेंद पर ४ रन बनाने थे। बैट को गदा की तरह धारण करने वाले धोनी स्ट्राइक पर थे। उन्होंने अपनी शक्तिशाली भुजाओं से वेगवान शॉट मारा, गेंद जैसे बाउंड्री लाइन पार ही करने वाली थी। दिल की धड़कन ऊपर-नीचे हो रही थी। गेंदबाज मलिंगा अपने नूडल्स जैसे बालों में चेहरा छुपा रहे थे। फरिश्ते वैसे तो यहां आसमान से टपकते हैं, पर यहां एक फरिश्ता जमीन से निकला और उसने चौका रोक दिया। धोनी ने राहत की सांस ली और तीन रन दौड़ लिए। जयवर्द्धने के चेहरे पर भी मुस्कान थी। मैच टाई हो गया। बराबर रन, बराबर विकेट, बराबर अतिरिक्त रन और बराबर प्यार। दोनों ने एक-दूसरे को वेलेंटाइन डे की शुभकामाएं दी। धोनी ने बतौर तोहफा अब तक प्वाइंट टेबल में शून्य पर रही श्रींलंका को २ अंक दिए। वहीं जयवर्द्धने ने भी बदले में २ अंक दिए। इस प्रेममय माहौल के बीच कई बार अपनी धर्मपत्नी से डांट खा चुके अंपायर ने भी लवगुरु धोनी से इजाजत मांगी। धोनी ने उन्हें नाइट शो के दो सिनेमा टिकट देकर रुखसत किया। अब तक धोनी के लिए जिस अंपायर के मन में नफरत के भाव थे, उन्हें भी लवगुरु धोनी ने अपना मुरीद बना लिया। चहुंओर बस धोनी का ही नाम था। अब तक रोमांचक रहे धोनी...... अब रोमांटिक धोनी हो चुके थे। वेलेंटाइन डे पर हुआ यह मैच रोमांचक.... नहीं रोमांटिक था।
बुधवार, फ़रवरी 15, 2012 |
Category:
व्यंग्य
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