घोटालों की होली
यूपीए तोड़ रही है,
भ्रष्टाचार के रिकार्ड सारे,
क्या अफसर, क्या नेता, भष्ट यहां हैं सारे,
सरकार के मंत्रियों पर चढ़ा घोटाले का रंग है,
देख के घोटाले की होली, सारी दुनिया दंग है,
किसी ने बनाया कॉमन से वेल्थ,
तो कोई हुआ 2जी से मालामाल,
जिसने चुना था इनको, वही जनता रही बेहाल,
बहुत हुआ सब घोटाला, अब जनता सबक सिखाएगी,
अगले साल चुनावी होली में अपना रंग दिखलाएगी,
अन्ना-अरविंद की होली
सुन सरकार के घोटालों की किलकारी,
अन्ना-अरविंद तैयार हुए ले लोकपाल की पिचकारी।
लोकपाल का रंग भर दोनों कूदे मैदान में,
मांगे मनवाने अपनी किया अनशन मैदान में।
अनशन सफल नहीं हुआ, हो गई दोनों में अनबन
राजनीति करें या नहीं इस पर दोनों में गई ठन।
अरविंद को करनी थी राजनीति, बनाई आप पार्टी,
पोल खोलूंगा सबकी, नहीं चूकूंगा जरा भी।
अन्ना ने नहीं किया समर्थन, बस किया दूरदर्शन
मैं और मेरी टोली भली, इंडिया अगेंस्ट करप्शन।
यूपीए तोड़ रही है,
भ्रष्टाचार के रिकार्ड सारे,
क्या अफसर, क्या नेता, भष्ट यहां हैं सारे,
सरकार के मंत्रियों पर चढ़ा घोटाले का रंग है,
देख के घोटाले की होली, सारी दुनिया दंग है,
किसी ने बनाया कॉमन से वेल्थ,
तो कोई हुआ 2जी से मालामाल,
जिसने चुना था इनको, वही जनता रही बेहाल,
बहुत हुआ सब घोटाला, अब जनता सबक सिखाएगी,
अगले साल चुनावी होली में अपना रंग दिखलाएगी,
अन्ना-अरविंद की होली
सुन सरकार के घोटालों की किलकारी,
अन्ना-अरविंद तैयार हुए ले लोकपाल की पिचकारी।
लोकपाल का रंग भर दोनों कूदे मैदान में,
मांगे मनवाने अपनी किया अनशन मैदान में।
अनशन सफल नहीं हुआ, हो गई दोनों में अनबन
राजनीति करें या नहीं इस पर दोनों में गई ठन।
अरविंद को करनी थी राजनीति, बनाई आप पार्टी,
पोल खोलूंगा सबकी, नहीं चूकूंगा जरा भी।
अन्ना ने नहीं किया समर्थन, बस किया दूरदर्शन
मैं और मेरी टोली भली, इंडिया अगेंस्ट करप्शन।
मंगलवार, मार्च 26, 2013 |
Category:
व्यंग्य
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