बच गया एंडरसन करके खून हजार...
न्याय मांगती रह गई पीड़ितों की चित्कार...
भ्रष्ट नेताओं ने निभाई एंडरसन से यारी..
भेज दिया स्वदेस उसको रोक के गिरफ्तारी....
ये है भारत देश जहां कण-कण में भ्रष्टाचार...
बच गया एंडरसन करके खून हजार...
२ दिसंबर ८४ की थी वो जहरीली रात....
मौत लगाए बैठी थी सबके जीवन पर घात....
चिमनी से तब निकला एमआईसी का फुंकार...
लील गया कई जानें, कईयों को किया लाचार....
न्याय की राह तकते पीड़ित फिर रहे मारे-मारे....
और अपराधी घूम रहे हैं मस्ती में मतवारे...
ढाई दशक बाद जब आई न्याय की बारी...
तब उजागर हुई नेताओं की सारी भ्रष्टाचारी...
केस कमजोर बनाया ताकि अपराधी चढ़ें न सूली...
लाचार कानून सजा दे पाया वो भी बस मामूली...
धन्य है भारत का कानून, धन्य है सरकार...
भारत के कण-कण में फैला है भ्रष्टाचार...
अमेरिका में छिपा हुआ है एंडरसन फरार...
भारत उसको लाने की जहमत क्यूं उठाए सरकार...
देख रही दुनिया होते न्याय को तार-तार...
बच गया एंडरसन करके खून हजार...
न्याय मांगती रह गई पीड़ितों की चित्कार...
भ्रष्ट नेताओं ने निभाई एंडरसन से यारी..
भेज दिया स्वदेस उसको रोक के गिरफ्तारी....
ये है भारत देश जहां कण-कण में भ्रष्टाचार...
बच गया एंडरसन करके खून हजार...
२ दिसंबर ८४ की थी वो जहरीली रात....
मौत लगाए बैठी थी सबके जीवन पर घात....
चिमनी से तब निकला एमआईसी का फुंकार...
लील गया कई जानें, कईयों को किया लाचार....
न्याय की राह तकते पीड़ित फिर रहे मारे-मारे....
और अपराधी घूम रहे हैं मस्ती में मतवारे...
ढाई दशक बाद जब आई न्याय की बारी...
तब उजागर हुई नेताओं की सारी भ्रष्टाचारी...
केस कमजोर बनाया ताकि अपराधी चढ़ें न सूली...
लाचार कानून सजा दे पाया वो भी बस मामूली...
धन्य है भारत का कानून, धन्य है सरकार...
भारत के कण-कण में फैला है भ्रष्टाचार...
अमेरिका में छिपा हुआ है एंडरसन फरार...
भारत उसको लाने की जहमत क्यूं उठाए सरकार...
देख रही दुनिया होते न्याय को तार-तार...
बच गया एंडरसन करके खून हजार...
शनिवार, जून 12, 2010 |
Category:
कविता
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1 comments
Comments (1)
लाचार कानून सजा दे पाया वो भी बस मामूली...
धन्य है भारत का कानून, धन्य है सरकार...
भारत के कण-कण में फैला है भ्रष्टाचार...
...bahut hi badiya jaagruk karti prastuti ke liye aabhar!
Main bhi ek bhuktbhogi hun....